Shivji Ki Aarti भगवान शिव की भक्ति और पूजा का अहम हिस्सा है। हर सोमवार और शिवरात्रि पर भक्त इस आरती का पाठ करते हैं।
इस पोस्ट में हम Shivji Ki Aarti Hindi का पूरा पाठ, उसका अर्थ और महत्व विस्तार से बताएंगे।
🕉️ Shivji Ki Aarti पाठ
आरती पाठ:
जय शिव ओंकारा, जय भोलेनाथ
त्रिपुरारी, महाकाल
शंभो शंकर, नाथ देव
शंभो शंकर, नाथ देव
(पूरा पाठ आप devotional book या official source से जोड़ सकते हैं)
📖 Shivji Ki Aarti का अर्थ
- जय शिव ओंकारा – ओंकार रूप शिव की जय हो।
- जय भोलेनाथ – भोलेनाथ शिव की स्तुति।
- त्रिपुरारी, महाकाल – त्रिपुरासुर का संहार करने वाले महाकाल।
- शंभो शंकर, नाथ देव – शंभु और शंकर हमारे जीवन के पालनहार हैं।
आरती का पाठ करने से भक्त को मानसिक शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा मिलती है।
🔹 Shivji Ki Aarti का महत्व
- भक्ति बढ़ाना: भगवान शिव के प्रति भक्ति और श्रद्धा बढ़ती है।
- सकारात्मक ऊर्जा: घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- संकट निवारण: जीवन में आने वाली परेशानियों और संकटों से रक्षा होती है।
- शिव पूजा का हिस्सा: यह आरती शिवपूजा का मुख्य अंग है।
🙋♀️ FAQs
Ans. इसे हर सोमवार, शिवरात्रि और शिव पूजा के अवसर पर पढ़ा जा सकता है।
Ans. हाँ, मानसिक शांति, सकारात्मक ऊर्जा और जीवन की कठिनाइयों से राहत मिलती है।
Ans. दीप जलाएँ, हाथ जोड़कर भक्ति भाव से पाठ करें और ध्यान केंद्रित रखें।
Ans. हाँ, YouTube और devotional apps पर Shivji Ki Aarti सुनकर भी भक्ति कर सकते हैं।
Ans. हाँ, अर्थ जानने से पाठ का प्रभाव और भक्ति बढ़ती है।
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