🌺 Sita Chalisa का महत्व
माता सीता, मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की अर्धांगिनी और शक्ति का प्रतीक मानी जाती हैं।
Sita Chalisa का पाठ करने से व्यक्ति को धैर्य, शांति, और वैवाहिक जीवन में सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
सीता माता को त्याग, पवित्रता और धैर्य की देवी माना गया है।
जो व्यक्ति श्रद्धा और भक्ति से Sita Chalisa का पाठ करता है, उसे मानसिक शांति और पारिवारिक सुख की प्राप्ति होती है।
📜 Sita Chalisa Lyrics (सीता चालीसा पाठ)
दोहा
जय जय सीता राम की प्यारी।
जय जननी जय जग की नारी।।
चालीसा
जय जय जननी सीता प्यारी।
राम सुधा की तुम अधिकारी।।
तुम बिन राम अधूरा कहावा।
जन जन कहत राम-सिया-नामा।।
तुम ही रूप लक्ष्मी अविनाशी।
राम संग रहती सुख राशी।।
पिता जनक से मिले वरदाना।
राम सुभग पति रूप सुजाना।।
वन में साथ दिये हर क्षण में।
सीता माँ तुम हो हर मन में।।
रावण हर ले गया चपलता से।
पर ना डिगी तुम सत्यता से।।
अग्नि-परीक्षा दी दृढ़ भाव से।
राम का नाम लिया दुराव से।।
भक्ति तुम्हारी जो मन धारे।
उसके जीवन में सुख सारे।।
जय जय माता सीता भवानी।
राम के संग पूजी जानी।।
दोहा (समापन)
सुन जो सीता चालीसा प्यारा।
मिटे कष्ट जीवन से सारा।।
🌼 Sita Chalisa Paath Vidhi
Sita Chalisa का पाठ शुक्रवार या सोमवार के दिन करना शुभ माना जाता है।
सुबह स्नान के बाद सीता-राम की मूर्ति के समक्ष दीप जलाकर निम्न विधि से पाठ करें:
- शुद्ध मन से “जय सीता राम” का जाप करें।
- फिर Sita Chalisa का पाठ करें।
- पाठ के बाद सीता माता को लाल पुष्प और तुलसी अर्पित करें।
- अंत में आरती करें और प्रसाद वितरित करें।
🌸 Sita Chalisa Path Ke Labh
- वैवाहिक जीवन में प्रेम और सामंजस्य बढ़ता है।
- मन को शांति और सकारात्मकता मिलती है।
- घर-परिवार में कलह और तनाव कम होता है।
- पवित्रता और विश्वास की भावना जागृत होती है।
- संतान सुख और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
💡 English Summary
The Sita Chalisa is a 40-verse prayer dedicated to Goddess Sita, symbol of purity, strength, and devotion.
Reciting it regularly brings peace, marital harmony, and divine blessings.
It is believed that those who chant this Chalisa with full faith overcome struggles in relationships and gain inner strength.
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❓ FAQs – Sita Chalisa
उत्तर: इसे शुक्रवार या सोमवार की सुबह शुद्ध मन से करना शुभ माना जाता है।
उत्तर: यह मन को शांति, पारिवारिक सुख और वैवाहिक जीवन में सामंजस्य प्रदान करती है।
उत्तर: हाँ, इसे रोज़ श्रद्धा से पढ़ने पर माता सीता की कृपा बनी रहती है।
उत्तर: इसे हिंदी या संस्कृत दोनों भाषाओं में पढ़ा जा सकता है।







