aal Bhairav Ashtakam भगवान शिव के उग्र और रक्षक स्वरूप श्री काल भैरव को समर्पित एक अत्यंत शक्तिशाली स्तोत्र है। इसे आदि गुरु शंकराचार्य ने रचा, और माना जाता है कि इसका पाठ करने से भय, क्लेश, बंधन, नकारात्मक शक्तियाँ और जीवन की बाधाएँ तुरंत दूर होती हैं।
इस पोस्ट में आप जानेंगे:
- Kaal Bhairav Ashtakam complete
- Meaning & significance
- Benefits
- Correct chanting method
- Best time to recite
🔱 Kaal Bhairav Ashtakam – Complete Sanskrit Text
॥ श्री कालभैरवाष्टकम् ॥
दे वराजसेव्यमानपावनाङ्घ्रिपङ्कजं
व्यालयज्ञसूत्रमिन्दुशेखरं कृपाकरम्।
नारदादियोगिवृन्दवन्दितं दिगम्बरं
काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे ॥१॥
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⭐ Meaning (सरल अर्थ)
Kaal Bhairav आठ दिशाओं के रक्षक माने जाते हैं। इस स्तोत्र में उनका वर्णन:
- पापों का नाश करने वाले
- भक्तों को अभय देने वाले
- काल (समय) पर नियंत्रण रखने वाले
- मृत्यु भय को दूर करने वाले
- काशी के अधिपति
- संसार के रक्षक
Ashtakam के हर श्लोक में भैरव जी के शक्तिशाली स्वरूपों का वर्णन है।
🌼 Benefits of Kaal Bhairav Ashtakam
1️⃣ भय और क्लेश दूर करता है
इसका जप हर प्रकार के भय—दुर्घटना, शत्रु, बाधा—से रक्षा करता है।
2️⃣ नकारात्मक शक्तियाँ दूर होती हैं
काले जादू, नज़र, बाधा, भूत-प्रेत जैसी नकारात्मक ऊर्जा पर इसका असर अत्यंत शक्तिशाली है।
3️⃣ किस्मत और समय का सहयोग मिलता है
क्योंकि भैरव समय के देवता हैं—कर्मों का फल जल्दी मिलता है।
4️⃣ रोजगार, धन और व्यापार बाधाएँ हटती हैं
भैरव जी को प्रसन्न करने से रुकावटें हटती हैं।
5️⃣ कानूनी मामलों और विवादों में सहायता
Kaal Bhairav truth & justice के देवता माने जाते हैं।
🔔 How to Chant Kaal Bhairav Ashtakam?
✔️ Step-by-Step Method
- स्नान कर काले आसन पर बैठें
- भैरव जी की तस्वीर/प्रतिमा रखें
- सरसों का तेल का दीपक जलाएँ
- Ashtakam का 1 बार पाठ करें
- यदि चाहें तो 11 बार भी कर सकते हैं
- अंत में “जय काल भैरव” का जयकारा करें
✔️ Best Days
- रविवार
- मंगलवार
- अष्टमी (विशेषकर कालाष्टमी)
✔️ Best Time
- सुबह ब्रह्ममुहूर्त
- रात 12 बजे (भैरव का विशेष काल)
📿 Why is Kaal Bhairav Ashtakam So Powerful?
क्योंकि इसे स्वयं आदि शंकराचार्य ने रचा है।
यह भैरव के—
- रक्षक
- विनाशक
- समय स्वरूप
- और न्यायप्रिय
रूपों को एक ही स्तोत्र में समेटता है।
नकारात्मक शक्तियों से तुरंत सुरक्षा मिलना इसका सबसे बड़ा गुण है।
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❓ FAQs – Kaal Bhairav Ashtakam
आदि शंकराचार्य जी ने।
हाँ, यह पूर्णतः सुरक्षित और शुभ स्तोत्र है।
सुबह ब्रह्ममुहूर्त या कालाष्टमी के दिन।
हाँ, यह स्तोत्र विशेष रूप से बाधा निवारण के लिए ही प्रसिद्ध है।
हाँ, रोज़ 1 बार पाठ करने से जीवन में स्थिरता और सुरक्षा मिलती है।







