हर दिन सबसे ज़्यादा पूछा जाने वाला ज्योतिषीय सवाल है —
“Aaj ka Rahu Kaal kya hai?”
क्योंकि हिंदू पंचांग में राहु काल वह समय माना जाता है जिसमें:
- नया काम शुरू नहीं किया जाता,
- शुभ कार्य रोक दिए जाते हैं,
- यात्रा भी कई लोग टाल देते हैं,
- व्यापारिक सौदे करने से बचा जाता है।
राहु एक छाया ग्रह है, जो भ्रम, देरी, बाधाएँ, भ्रमित निर्णय और मानसिक अशांति का प्रतीक माना जाता है।
इसलिए प्राचीन काल से ही लोग राहु काल जानते थे ताकि गलत समय पर शुभ काम शुरू न हो जाए।
इस लेख में आप जानेंगे:
- राहु काल क्या है?
- “Aaj ka rahu kaal” कैसे निकलता है?
- किस वार में कब-कब होता है?
- इस समय में क्या नहीं करना चाहिए?
- राहु काल का वैज्ञानिक और आध्यात्मिक महत्व
चलिये विस्तार से समझते हैं।
🌑 1. राहु काल क्या है? (What is Rahu Kaal)
राहु काल दिन को 8 भागों में बाँटकर बनाया जाता है।
हर भाग लगभग 1.5 घंटे का होता है।
इन 8 भागों में से एक भाग “राहु काल” कहलाता है।
यह समय शुभ कार्यों के लिए अशुभ माना जाता है, क्योंकि राहु की ऊर्जा:
- भ्रम पैदा करती है
- निर्णय गलत करवा देती है
- सफलता में देरी करती है
- नुकसान की संभावना बढ़ाती है
इसलिए हर कोई “Aaj ka rahu kaal kya hai” जानना चाहता है।
🌞 2. राहु काल कब होता है? (How is Rahu Kaal calculated)
राहु काल सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच होता है।
सूर्योदय का समय हर स्थान पर अलग होता है, इसलिए राहु काल भी हर शहर में अलग होता है।
लेकिन एक FIXED नियम है:
हर वार का अपना स्थिर समय खंड होता है।
यह नीचे तालिका में दिया है।
🕒 3. सप्ताह के अनुसार राहु काल – (Evergreen Fixed Table)
हर वार में राहु काल का समय अलग—लेकिन नियम हमेशा एक जैसा।
| वार (Day) | राहु काल का समय (Evergreen Pattern) |
|---|---|
| सोमवार (Monday) | सुबह 7:30 – 9:00 (2nd भाग) |
| मंगलवार (Tuesday) | दोपहर 15:00 – 16:30 (7th भाग) |
| बुधवार (Wednesday) | दोपहर 12:00 – 13:30 (5th भाग) |
| गुरुवार (Thursday) | दोपहर 13:30 – 15:00 (6th भाग) |
| शुक्रवार (Friday) | सुबह 10:30 – 12:00 (4th भाग) |
| शनिवार (Saturday) | सुबह 9:00 – 10:30 (3rd भाग) |
| रविवार (Sunday) | शाम 16:30 – 18:00 (8th भाग) |
⚠ नोट:
ये समय सूर्योदय 6:00 AM माना गया है।
आपके शहर के अनुसार 10–25 मिनट आगे–पीछे हो सकता है।
यही कारण है कि लोग हर सुबह पूछते हैं:
➡ Aaj ka Rahu Kaal kya hai?
🔱 4. राहु काल में क्या नहीं करना चाहिए?
राहु काल में शुभ कार्य करने से ऊर्जा पर नकारात्मक प्रभाव आता है।
इसलिए परंपरा में निम्न काम नहीं करने चाहिए:
❌ नया काम शुरू करना
❌ शुभ यात्रा
❌ सोना-चाँदी की खरीद
❌ वाहन खरीदना
❌ विवाह से जुड़े कार्य
❌ गृह प्रवेश
❌ नया व्यवसाय शुरू करना
❌ जमीन-प्रॉपर्टी डील
❌ नया आवेदन / इंटरव्यू
राहु काल में सिर्फ चल रहे कार्य जारी रख सकते हैं।
नया काम नहीं।
🌙 5. राहु काल में क्या कर सकते हैं?
हर समय नकारात्मक नहीं होता।
राहु काल में इन कार्यों की अनुमति है:
✔ ध्यान/साधना
✔ जप, पाठ
✔ पितृ कार्य
✔ शोध, विश्लेषण
✔ आयुर्वेद/उपचार
✔ आध्यात्मिक अभ्यास
राहु की ऊर्जा शोध और गहराई में जाने में मदद करती है।
🌕 6. राहु काल का ज्योतिषीय महत्व
राहु एक “छाया ग्रह” है।
यह वास्तविक ग्रह नहीं, बल्कि गणितीय छाया बिंदु है।
इसके प्रभाव:
- भ्रम
- निर्णय में देरी
- मानसिक उतार–चढ़ाव
- अनावश्यक डर
- अचानक घटनाएँ
- दिशा भ्रम
इसीलिए राहु काल में नए काम से मना किया जाता है।
🌈 7. राहु काल का आध्यात्मिक अर्थ
आध्यात्मिक दृष्टि से राहु काल मन पर काम करने का समय है:
- मन शांत नहीं रहता
- विचार अस्थिर होते हैं
- अहंकार बढ़ सकता है
- अनजाने भय बन सकते हैं
इसीलिए पौराणिक युग से कहा गया है:
“राहु काल में मन को स्थिर करो, कार्य को नहीं।”
📅 8. क्या राहु काल हमेशा अशुभ होता है?
✔ हाँ — शुभ कार्यों के लिए
✔ नहीं — साधना या गहराई के लिए
राहु काल की ऊर्जा गहरी होती है, इसलिए:
- ध्यान
- मन्त्र जप
- योग
- पूजा
इनमें राहु काल बुरा नहीं माना गया।
🔍 9. “Aaj ka Rahu Kaal” कैसे पता करें?
आप यह जान सकते हैं:
- पंचांग एप
- अखबार
- मंदिर के कैलेंडर
- स्थानीय पंडित
- वेबसाइटों पर दैनिक अपडेट
लेकिन सबसे आसान तरीका:
ऊपर दिया गया Evergreen Table देखकर आप खुद भी निकाल सकते हैं।
💠 10. राहु काल को निष्क्रिय कैसे करें? (Remedy)
अगर मजबूरी में किसी को काम करना पड़े,
तो ये उपाय प्रभाव कम करते हैं:
- “ॐ राहवे नमः” मंत्र
- सरसों का दान
- नीले वस्त्र से बचें
- दक्षिण दिशा में मुंह न करें
- नारियल चढ़ाना
- छोटी पूजा
⚡ 11. क्या राहु काल का वैज्ञानिक महत्व भी है?
हाँ।
राहु काल का समय मानव मन के अनियमित व्यवहार पर आधारित है।
इस समय:
- decision-making weakest
- focus कम
- anxiety बढ़ी हुई
- hormones असंतुलित
- risk–taking tendency ज्यादा
प्राचीन ऋषियों ने इस समय को समझकर “अशुभ कार्य न करें” का नियम बनाया।
🧭 12. निष्कर्ष — आज का राहु काल जानना क्यों जरूरी है?
क्योंकि राहु काल:
- निर्णय
- सफलता
- मानसिक स्थिति
- काम का परिणाम
- शुभता
सब पर असर डालता है।
जब आप यह समझ जाते हैं कि
“Aaj ka Rahu Kaal kya hai?”
तो आप:
- गलत समय पर शुभ काम करने से बच जाते हैं
- निराशा और बाधाओं से बचे रहते हैं
- दिन की योजना अच्छे से बना सकते हैं
राहु काल जीवन का एक टाइम-गार्ड है—
जो चेतावनी देता है कि अभी रुक जाओ, सही समय आने दो।
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❓ FAQs
लगभग 1.5 घंटे का।
हाँ, पूजा–जप–ध्यान किया जा सकता है।
राहु की ऊर्जा भ्रम, देरी और बाधाएँ देती है।
हाँ, सूर्योदय के समय के अनुसार।
“ॐ राहवे नमः” जप और दान करने से प्रभाव कम होता है।







