🕉️ Namami Shamisaan Lyrics in Hindi | नमामि शमीशान निर्वाण रूपं सम्पूर्ण स्तोत्र

By GuruDev

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Namami Shamisaan Lyrics – Shiva Stotra in English and Hindi for devotion in India

नमामि शमीशान निर्वाण रूपं एक अत्यंत पवित्र और प्रसिद्ध श्लोक है जो भगवान शिव (महादेव) को समर्पित है।
यह रुद्राष्टकम स्तोत्र का प्रथम श्लोक है, जिसे महान कवि गोस्वामी तुलसीदास जी ने रचा था।
इस श्लोक में भगवान शिव के निराकार, निर्विकार, और सर्वव्यापक स्वरूप की अद्भुत वंदना की गई है।

जो भी भक्त श्रद्धा से Namami Shamisaan का जाप करता है, उसे सांसारिक दुखों से मुक्ति मिलती है, मन को शांति और आत्मा को शुद्धि प्राप्त होती है।


🔱 Namami Shamisaan Lyrics in Hindi (नमामि शमीशान निर्वाण रूपं)

नमामि शमीशान निर्वाण रूपं,
विभुं व्यापकं ब्रह्म वेदस्वरूपम्।
निजं निर्गुणं निर्विकारं निरीहं,
चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहम्॥

निराकारमोंकारमूलं तुरीयं,
गिरा ज्ञान गोतीतमीशं गिरीशम्।
करालं महाकाल कालं कृपालं,
गुणागार संसारपारं नतोऽहम्॥

तुषाराद्रि संकाश गौरं गभीरं,
मनोभूत कोटि प्रभा श्री शरीरम्।
स्फुरन्मौलि कल्लोलिनी चारुगंगा,
लसद्भाल नेत्रेश शंकर एकम्॥

गले रुण्डमालं तनौ सर्पजालं,
महाकाल कालं गणेशादि पालम्।
जटाजूट गंगोत्तरंगैर्विशालं,
सदाशंकरं भक्तिहृद्यान्विशुद्धम्॥

ओं नमः शिवाय ॥


🌼 स्तोत्र का अर्थ (Meaning in Hindi)

  • नमामि शमीशान निर्वाण रूपं:
    मैं उस भगवान शिव को प्रणाम करता हूँ जो सभी प्राणियों के ईश्वर हैं, जो मोक्षस्वरूप हैं, और जिन्हें ब्रह्म कहा गया है।
  • विभुं व्यापकं ब्रह्म वेदस्वरूपम्:
    जो सर्वव्यापक हैं, और जिनका स्वरूप स्वयं वेद हैं।
  • निराकारमोंकारमूलं तुरीयं:
    जो निराकार हैं, ओंकार के मूल हैं और चौथे अवस्था (तुरीय) के स्वरूप हैं।
  • करालं महाकाल कालं कृपालं:
    जो काल के भी काल हैं, महाकाल हैं, और अत्यंत कृपालु हैं।
  • तुषाराद्रि संकाश गौरं गभीरं:
    जिनका शरीर हिमालय की तरह गौर (सफेद) और गम्भीर है।
  • गले रुण्डमालं तनौ सर्पजालं:
    जिनके गले में मुंडमाला है और शरीर पर सर्पों का आभूषण है।

🧘‍♂️ नमामि शमीशान जाप के लाभ (Benefits of Chanting Namami Shamisaan)

लाभविवरण
🕉️ मानसिक शांतियह स्तोत्र मन को स्थिर और शांत बनाता है।
🔥 भय से मुक्तिभय, चिंता और तनाव से मुक्ति दिलाता है।
💫 मोक्ष की प्राप्तिजन्म-मरण के चक्र से मुक्ति मिलती है।
🌿 आत्मशुद्धिआत्मा को पवित्रता और शक्ति प्रदान करता है।
🙏 भक्ति में वृद्धिईश्वर के प्रति श्रद्धा और भक्ति को बढ़ाता है।

🪔 जप का समय और विधि (How and When to Chant)

  • सोमवार या महाशिवरात्रि के दिन विशेष रूप से लाभकारी।
  • प्रातःकाल ब्रह्ममुहूर्त में स्नान कर शिवलिंग के समक्ष बैठें।
  • शुद्ध मन से “नमामि शमीशान निर्वाण रूपं” का 11 या 108 बार जाप करें।
  • भगवान शिव को बेलपत्र, दूध, और जल अर्पित करें।

🌸 जो व्यक्ति प्रतिदिन इस स्तोत्र का स्मरण करता है, उसके जीवन में शांति और सफलता स्थायी हो जाती है।

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🔱 निष्कर्ष (Conclusion)

नमामि शमीशान निर्वाण रूपं स्तोत्र भगवान शिव की अनंत महिमा का प्रतीक है।
यह केवल एक श्लोक नहीं बल्कि आत्मा को ईश्वर से जोड़ने का मार्ग है।
जो भक्त इस स्तोत्र का नित्य जाप करता है, उसके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है।

हर हर महादेव – शिव ही सत्य हैं, शिव ही अनंत हैं!

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