Shiv Puran Stuti (Hindi) – Complete Path with Meaning

By JayGuruDev

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shiv puran stuti complete path

शिव पुराण स्तुति उन दुर्लभ और अत्यंत शक्तिशाली स्तुतियों में से एक है जिन्हें स्वयं ऋषि-मुनियों ने महादेव की कृपा प्राप्त करने के लिए गाया था। यह स्तुति शिव-तत्व को जगाती है, मन की अशांति मिटाती है, और जीवन में गहरी दिव्य ऊर्जा का संचार करती है।

कहा जाता है कि शिव पुराण स्तुति का प्रतिदिन पाठ करने से:
• भय दूर होता है
• बाधाएँ समाप्त होती हैं
• धन, सम्मान और शांति बढ़ती है
• मन की शक्ति कई गुना बढ़ती है
• परिवार में सौभाग्य आता है

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शिव पुराण स्तुति – पूर्ण पाठ (Complete Path)

॥ शिव पुराण स्तुति ॥

त्वमेव जगतां नाथः त्वमेव त्रिदशाधिपः ।
त्वमेव सर्वभूतानां ब्रह्मा विष्णु: शशाङ्कधृत् ॥

त्वमेव कारणं नाथ जगत्सृष्ट्यादिकारणम् ।
त्वमेव पालकः श्रीमान् संहर्ता च महेश्वरः ॥

त्वमेव प्रभुरेकार्थः त्वमेव शिवरूपधृक् ।
त्वमेव ज्ञानमित्याहुः योगिनः पार्वतीपते ॥

त्वया विनापि नाशंति भवबन्धनवर्जिताः ।
त्वद्गुणानां सदा भक्त्या कीर्तयन्ति मनीषिणः ॥

नमः शिवाय शान्ताय नमः शिवाय शङ्कर ।
नमः शिवाय नित्याय नमोऽस्तु परमेश्वर ॥

शरणागतपालाय भक्तानुग्रहकारक ।
नमोऽस्तु ते महादेव त्राहि मां शूलपाणये ॥

त्वं भक्तानां सदा नाथः त्वं कृपालुः सदा प्रभो ।
त्वं त्राहि देवं लोकानां पतिं नित्यं नमाम्यहम् ॥

॥ इति शिव पुराण स्तुति सम्पूर्णम् ॥


शिव पुराण स्तुति का अर्थ और महत्व

यह स्तुति शिव को ब्रह्मांड का आधार, सृष्टि का कारण, ऊर्जा का स्रोत और मोक्षदाता बताती है। यह हमें याद दिलाती है कि महादेव केवल विध्वंसक नहीं—बल्कि परिवर्तन, सुरक्षा, प्रेम और करुणा के दाता हैं।


1. शिव – सृष्टि, पालन और संहार के मूल स्रोत

स्तुति की पहली पंक्तियाँ यह बताती हैं कि:
• शिव ही सृजनकर्ता हैं
• शिव ही पालन करते हैं
• शिव ही पवित्र संहार करने वाले हैं

अर्थात संसार का हर उतार-चढ़ाव, लाभ-हानि, जन्म-मृत्यु—सब शिव की लीला है।


2. भक्तों की रक्षा करने वाले महादेव

स्तुति यह भी कहती है कि शिव कभी भी अपने भक्तों को निराश नहीं करते।
जो सच्चे मन से “नमः शिवाय” बोलता है, उसके जीवन में महादेव स्वतः मार्ग बनाते हैं।

जैसे:
• कठिन समय में अचानक मदद मिलना
• असंभव लगने वाली राह खुल जाना
• मन में अजीब सी शांति आना
ये सब शिव-तत्व का संकेत है।


3. शिव पुराण स्तुति मन को स्थिर करती है

आज के समय में सबसे बड़ी समस्या है—
• बेचैनी
• डर
• तनाव
• मन का भारीपन

लेकिन शिव पुराण स्तुति का नियमित पाठ मन को हल्का करता है। कई साधकों ने बताया है कि यह स्तुति सुनते ही शरीर में कंपन (vibration) महसूस होता है।

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4. यह स्तुति साधना, भक्ति और इच्छापूर्ति में प्रभावी

जिन लोगों की मनोकामनाएँ बार-बार अधूरी रह जाती हैं, उनके लिए यह स्तुति अत्यंत फलदायी मानी गई है।
• व्यापार में रुकावट
• नौकरी की चिंता
• विवाह में देरी
• स्वास्थ्य समस्या

इन सबके समाधान में शिव पुराण स्तुति को दिव्य प्रभावी माना गया है।


5. शिव पुराण स्तुति कब और कैसे पढ़ें?

✔ सुबह स्नान के बाद
✔ सोमवार, प्रदोष, महाशिवरात्रि, सावन
✔ दीपक जलाकर
✔ शांत मन से
✔ कम से कम 3 बार

यदि मन थका हुआ हो या परेशान हो, तब यह स्तुति सबसे अधिक प्रभाव करती है।


6. क्या स्तुति के साथ ‘नमः शिवाय’ जप करना चाहिए?

हाँ।
स्तुति के बाद 108 बार नमः शिवाय जप करने से:
• ऊर्जा बढ़ती है
• मन शुद्ध होता है
• आध्यात्मिक शक्ति बढ़ती है
• इच्छाएँ तेज़ी से पूर्ण होती हैं

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FAQs

शिव पुराण स्तुति क्या वास्तव में प्रभावशाली है?

हाँ। यह शिव पुराण का अत्यंत शक्तिशाली भाग है, जो मन और ऊर्जा दोनों को शुद्ध करता है।

क्या स्तुति रोज़ पढ़ सकते हैं?

हाँ, यह दैनिक पाठ के लिए बहुत शुभ और सरल स्तुति है।

क्या स्तुति पढ़ने से डर और चिंता कम होती है?

हाँ, यह मन को तुरंत शांत और स्थिर बनाती है।

क्या इस स्तुति से इच्छाएँ पूरी होती हैं?

सच्चे मन से पढ़ने पर, कई साधकों ने मनोकामना सिद्धि का अनुभव किया है।

क्या स्तुति रात में भी पढ़ सकते हैं?

हाँ, विशेषकर जब मन भारी हो या नींद न आए।

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