Bhairav Chalisa को अत्यंत शक्तिशाली, दुर्लभ और रक्षण देने वाली चालीसा माना जाता है। काल भैरव—जो शिव का उग्र, तेजस्वी और रक्षणकर्ता स्वरूप हैं—उनका स्मरण हर प्रकार की नकारात्मकता, भय, बाधा, शत्रु और भूत-प्रेत शक्तियों को दूर करता है।
इस चालीसा का पाठ विशेषकर तब किया जाता है जब:
• जीवन में अनचाहा भय हो
• घर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ जाए
• कार्यों में बिना कारण रुकावटें आएं
• मानसिक बेचैनी या restless thoughts बढ़ जाएं
• गुप्त शत्रु हानि पहुँचाने की कोशिश कर रहे हों
Bhairav Chalisa एक सुरक्षा कवच की तरह काम करती है।
सुबह या रात को शुद्ध भाव से इसका पाठ करने से जीवन में तेज, साहस और आत्मविश्वास कई गुना बढ़ जाता है।
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अब प्रस्तुत है Bhairav Chalisa का पूरा, सरल और दुर्लभ पाठ—
॥ श्री भैरव चालीसा ॥
जयति जयति भैरव दयाला।
कीजै नाथ कृपा प्रभुबाला॥
काल स्वरूप भैरव भगवाना।
करहु कृपा करुणानिधि नाना॥
जय भैरव जगत के स्वामी।
दुष्ट दलन सुंदर सुख–दामी॥
भूत–प्रेत सब भागें तेरा।
निश्चल नाम जपे जो मेरा॥
काली रात में ज्योति उजाला।
भैरव नाम जपे जो निराला॥
शरणागत के पालक दाता।
दीनों के तुम नाथ विधाता॥
त्रिलोचन त्रिशूल धारी।
दिगंबर रूप भये भय–हारी॥
कृपा करो मुझ पर भगवाना।
दूर करो दुख, दोष, अभिमाना॥
भैरव नाथ दुख–हरण तुम्हारे।
भव–संकट हरहु दुःख–भारें॥
स्वाहा स्वधा के रूप महेशा।
रक्षा करो जय त्रिलोक–ईशा॥
भैरवी साथ तुम्हारी होती।
शक्ति तुम्हारी सर्वत्र खोटी॥
जो जन प्रेम भाव से गावे।
मनवांछित फल सोई पावे॥
ध्यान धरे जो भाव से नाथा।
काटत भव–बंधन के त्राता॥
संकट काटत भैरव राजा।
रखते भक्तों, दूर अपताजा॥
जय भैरव, जय भैरव देवा।
करहु कृपा मोहि नाथ कृपामेवा॥
॥ इति श्री भैरव चालीसा समाप्त ॥
Bhairav Chalisa का अर्थ और रहस्य
1. भैरव ऊर्जा तुरंत प्रभाव दिखाती है
Bhairav Chalisa का कंपन (vibration) अत्यंत तेज और तामस को भेदने वाला होता है।
जिस व्यक्ति के जीवन में अचानक भय, बेचैनी या अज्ञात बाधाएँ बढ़ जाती हैं, उसके लिए यह चालीसा “spiritual shield” की तरह काम करती है।
2. घर या कार्यस्थल की नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करती है
ज्योतिष में भैरव देव को समय, दिशा और तंत्र–रक्षण का स्वामी माना गया है।
Tested experience के अनुसार:
• पढ़ने से घर हल्का महसूस होता है
• अनजानी बेचैनी समाप्त होती है
• नींद बेहतर होती है
• अजीब सपने बंद हो जाते हैं
3. भय, डर, anxiety तुरंत शांत होती है
चालीसा में बार-बार “भय–हारी”, “दुख–हरण”, “रक्षा करो” जैसे शब्द Shiv-energy को activate करते हैं जिससे mind में immediate calmness आती है।
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4. भैरव देव शत्रु और छुपी बाधाएँ दूर करते हैं
यदि कोई आपको बुरा चाहता है, negative intention करता है या evil eye असर डाल रहा है—तो भैरव ऊर्जा इसे तुरंत रोकती है।
इसी कारण भैरव की चालीसा को “protective chalisa” कहा जाता है।
5. मनोकामना सिद्धि और सफलता का मार्ग खुलता है
जो लोग किसी important लक्ष्य, परीक्षा, बिज़नेस, नौकरी या निर्णय में अटके हों—उनके लिए यह चालीसा मार्ग खोलती है।
Bhairav removes:
• unseen blockages
• karmic obstacles
• mental fog
• self-doubt
Bhairav Chalisa कब और कैसे पढ़ें?
✔ मंगलवार या रविवार
✔ सुबह स्नान के बाद
✔ काले तिल का दीपक जलाकर
✔ शांत मन से 1 या 3 बार
✔ संरक्षण हेतु आँगन या मंदिर दिशा में बैठकर
नियमित 21 दिन तक पाठ करने से बहुत तेज असर महसूस होता है।
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FAQs
हाँ, यह पूर्ण रूप से शुभ और रक्षण देने वाला पाठ है। यह भय और नकारात्मकता दूर करता है।
हाँ, विशेषकर जब मन में डर या बेचैनी हो।
नष्ट का अर्थ यहाँ “असफल होना” है—उनकी नकारात्मकता आपको छू नहीं पाती।
हाँ, यह बाधाएँ हटाती है और रास्ता साफ करती है।
अगर मन भारी रहता है या जीवन में संघर्ष बढ़ा हो—तो रोज़ पढ़ना शुभ है।
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